हम घर से काम करेंगे
रोटी -कपड़ा और मकान
अब घर से काम करके ही बनाया जाएगा ! फ़ैक्टरियाँ घरों में ही लगेगी
और हथेली पर केवल सरसों ही नहीं
चावल -सब्ज़ी और गेहूं भी उगाई जाएगी !
रोटी की चिन्ता अब किसे
बस फ़ोन करके
कम्प्यूटर से ही रोटी का इन्तज़ाम करने को कहा कहा जाएगा !
बिल्डिंगे बनेगी कम्प्यूटर पर ,
सड़कें बनेंगीं नक़्शों पर
और फिर रोबोट चलाएँ जांऐंगे !
वक़्त दूर नहीं जब
इन्सान के हाथों में
बस दो ही अंगुलियाँ होगी
—-कम्प्यूटर के बटन दबाने को !
खाने की चिंता नहीं होगी किसी को ,
दो कैप्सूल खाकर ही पेट भरा जाएगा !
कहते हैं उन्नीसवीं सदी में सरकार ने
क्लर्क बनाए थे ,
अब इक्कीसवाँ सदी
इन्सान को ही रोबोट बना कर छोड़ेगी !
वो खेत -खलिहानों की बातें ,
वो स्कूल में की धमाचौकड़ी,
वो कालेज की मस्तियाँ
दोस्तों के साथ की शरारतें ,
अब पौराणिक कथाओं में ही पढ़ी जाएँगी ,
नई दुनिया के इतिहास
के पन्नों में जगह पाएँगी !
प्रेम प्रसंग अब बेमानी होंगे ,
रोमांस अब कम्प्यूटर पर होगा !
बड़ी भयावह सोच है
करोना के बाद ,
नई महामारी मन की होगी !
मानसिक बीमारों की सेवा करने
वाले कम पड़ जांएगे !
अभी वक़्त रहते
सोच के घोड़ों को लगाम दो
और अपनी दुनिया में लौट आओ !
माटी के पुतले हैं हम ,
माटी में ही खेलेंगे !
माटी से आए हैं
माटी में ही मिल जांएगे !
अनुशासन का पालन कर
हिम्मत से आगे बढ़ना होगा !
कामगारों का जोश बढ़ाना है तो
घर से बाहर आना होगा !
—-अश्विनी कपूर
जब समझ आए उसी को सवेरा मानें यही जीवन का सार है , मेरे दोस्त ! —-अश्विनी कपूर!